एक लडका को देखा तो ऐसा लगा

  • 5.8k
  • 1.4k

के हर गली, कस्बे और झोपडी मे मुझे ऐसे लोगोको बदनामी, जिल्लत और रुसवाई के सिवा और कुछ नही मिलता । नफरत के निगाहो से देखी जाने वाली ईन “समलैङिगक समुदाय” के लोगोको अपमान बेईजती, तिरस्कार के सिवा, हमारा ये समाज और कुछ नही देता । ईस दुनिया मे हमेशा से लोग की धारणये “समलैङिगक समुदाय” के लिए एक अलग सी रही है । हमारे समाज और यहाँ के लोग समलैङिगक लडको को अकसर “खिलौना लडका” समझते है । जिसे हर कोई सिर्फ और सिर्फ उपयोग करना चाहता है । “प्रयोग करके फेक देना” के रुपमे लिऐ जानेवाले “समलैङिगक समुदाय” के लोगो का भावनाए