औरतें रोती नहीं - 25 - अंतिम भाग

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औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 25 इस मोड़ से आगे रात जमकर नींद आई। बारह बजे उसे स्टूडियो पहुंचना था। तैयार होने से पहले आंटी का नौकर सतीश बता गया कि कोई फैजल आया है उससे मिलने। आंटी ने अपने कमरे के बाहर एक रिसेप्शन जैसा बना रखा था, जहां उनकी पेइंग गेस्ट्स अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिल सकती थीं। फैजल अपना किट बैग उठाए सीधे स्टेशन से चला आया था। अपने किसी वी.आई.पी. दोस्त से कह-सुनकर उसने रिजर्वेशन करवा लिया था। फैजल उसे देखते ही लपककर पास आ गया, ‘‘गुड मॉर्निंग सिस। तैयार हो गई? आज मैं