आधी दुनिया का पूरा सच - 17

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आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 17. अगले दिन उसने समय पर बिस्तर छोड़ दिया और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर मन्दिर की सफाई में पुजारी जी का हाथ बँटाने लगी। पुजारी जी ने देखा कि रानी का चेहरा निस्तेज तथा आँखों में चिंता का समुद्र उमड़ रहा था। उसकी ऐसी दशा देखकर पुजारी जी ने उसको स्नेहपूर्वक ले जाकर कोठरी में बिस्तर पर लिटा दिया और बोले - "बिटिया, स्वास्थ्य से अधिक महत्वपूर्ण कोई कार्य नहीं होता ! मन ठीक नहीं है, तो यहाँ आराम कर ! कोई और परेशानी है, तो मुझे बोल ! अपने काका को नहीं