बस मे बंधे नजरबट्टू के छल्ले की आवाज में मधु की चूड़ियों की मधुर संगीत को महसूस करता हुआ स्पोई रवि आज छुट्टियों के बाद वापस लेह के किसी गुप्त स्थान में अपनी पोस्ट पर लौट रहा था। आज पूरे 6 साल हो चुके थे रवि को अपनी मिलिट्री की सर्विस को लेकिन पोस्ट पर जाते हुए कभी भी मन इतना भारी नही हुआ था। होता भी क्यों न आते समय आज फौजी ने अपने जीवन की मधु की आंखों में भावनाओ रूपी आँशु देख लिए थे जो कि मूक रूप में ही मधु की मनोदशा को स्पष्ट कर रहे