होने से न होने तक - 42

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होने से न होने तक 42. शनिवार के लिए पूरे स्टाफ के साथ मैनेजमैंण्ट की मीटिंग का नोटिस मिला था। इस बार मीटिंग डिग्री कालेज के हॉल में नही, समीति के कक्ष में रखी गयी थी। नोटिस देख कर मानसी हॅसी थी,‘‘अबकी से अपने टर्फ पर बुलाया है। असल में वहॉ बेहतर हिट कर लेती हैं...छक्के पर छक्के...दोस्तों अपने अपने सिर पर हैल्मेट बॉध कर चलो।’’ लगा था सब लोग अन्दर के तनाव को हल्के फुल्के परिहास में ढक रहे हों जैसे,‘‘बिना क्लेश के तो मिसेज़ चौधरी की कोई मीटिंग निबटती ही नहीं है ।’’मिसेत़ द्विवेदी ने कहा था। ‘‘यह