बेवकूफ

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बेवकूफ लखपत राय चाचा जी के घर हमारा पुराना आना-जाना रहा है | लखपतराय जी मेरे पिता के मित्र थे | बचपन से उनको देखा है, बहुत उसूल वाले आदमी थे | पिताजी अक्सर उनकी प्रशंसा किया करते थे, जो कहते हैं वो निभाते हैं | उम्र के उस दौर में जब हमारी समझ थोड़ी –थोड़ी बढ़ रही थी, हमें भी विश्वास होने लगता था लखपत राय चाचा कुछ तो अलग हैं, सामान्य कद –काठी और नौकरी होते हुए भी उसूलों का पालन उन्हें आम आदमी से अलग खड़ा कर ही देता| लखपत राय चाचा को उस लोक गए तो