फ़लक तक चल... साथ मेरे ! - 3

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फ़लक तक चल... साथ मेरे ! 3. अचानक आए अवांछित अनजान मेहमानों ने घर की ऑक्सीजन में कुछ और कमी ला एक विकट संकट उत्पन्न कर दिया था।“तीन साल से बेटी जैसा रखे हैं हम लोग...तब आप लोग कहां थे?”, सुलक्षणा मामी ने अपने उसी शांत स्वर में कहा।“आए हाय, तो क्या एहसान किया जी आपने, क्या हम नहीं समझते... क्यों रखा? मुफ्त की नौकरानी मिल गई आपको तो, उसका बचपन तो छीन ही लिया अब शादी न करके क्या उसकी जवानी भी बर्बाद करोगी जी!”आने वाली महिला सुलक्षणा मामी के विपरीत अपने स्वर को ऊंचा रख अपनी बात सही