आत्मविश्वास भाग - 2

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अगले भाग मै हमें देखा की आरव 5 वीं कक्षा मैं अव्वल आये थे फिर तो उनके माता पिता को लगा की उनका बेटा एक ना एक दिन ज़रूर बड़ा बनेगा | ऐसा गर्व था फिर आरव भी दिन भर पुरे पढ़ाई मैं ही व्यस्त रहता था और आरव को वही बहुत पसंद था | वो कोई दूसरे क्लास मैं या कही और जाना नहीं चाहता था बस उसे ध्यान से और एकाग्रता से ही उनका काम करता था | क्यूंकि उन्हों ने 5 वीं कक्षा मैं ही ठान लिया था की मैं भी ऐसा कुछ करूंगा | फिर