ये कैसी राह - 3

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सत्तू, भाई के बच्चों से बहुत लगाव रखता था। वो उन्हें घुमाता, कहानियां सुनाता, उनके साथ खेलता भी था। इस तरह अचानक चाचा के चले जाने से बच्चे बहुत परेशान थे। राम देव, कांता से बच्चे पूछते, पिताजी... मां …! चाचा कहां गए... ? उन्हें कान्ता और राम देव बहलाते, बेटा …! तुम्हारे चाचा जल्दी आ जायेंगे। रामू का मंझला बेटा जो चाचा से ज़्यादा हिला मिला था अक्सर याद कर रोने लगता । वो बाकी दोनों भाइयों की तरह मां पिताजी की बात पर यकीन नहीं होता। उसे चुप कराने और समझाने के बीच अक्सर कान्ता की आंखों से भी आंसू बह निकलते।