बडी प्रतिमा (10.) अगली शाम विभा पिछवाडे की नल पर बैठी कपडे धो रही थी। उसी समय गीतू बागीचों की ओर जाती दिखी। फजली सर या किसी ने भी किसी को यह नहीं बताया था कि असली चोर पकडा गया है। पर फिर भी गीतू कल से ही उतरा मुंह लिए इधर उधर घूम रही थी। उसे आज सुबह आॅफिस में भी बुलाया गया था। विभा ने आवाज देकर गीतू को बुलाया – “गीतू ! इधर आना जरा । चादर निचोडने में मेरी मदद कर दो प्लीज ।” गीतू धीरे धीरे उसके पास आई । कुछ सर की बातों से