वो भूली दास्तां, भाग-१

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अरे, बिट्टू कब तक सोती रहेगी। 5:00 बज गए हैं शाम के। रश्मि के घर से कई बार तेरे लिए बुलावा आ चुका है। जाना नहीं है उसके मेहंदी पर! यह सुनते ही बिट्टू झटपट उठ बैठी। क्या मां तुमने उठाया क्यों नहीं मुझे! अब मैं कब तैयार होऊगी । सुनीता कितना बिगड़ेगी। बाप रे बाप! कैसे करूं सब कुछ इतनी जल्दी! कुछ मत कर महारानी बैठ जा! तेरी मां तैयार हो जाएगी तेरे नाम का। ‌उसने ही तुझे सिर पर चढ़ा रखा है। ऊंट जितनी लंबी हो गई है लेकिन अक्ल घुटनों में ही है। बिट्टू की