प्रणाम एक ऐसा शब्द है ,जो प्रेम और आस्था से जुड़ा होने के कारण, आध्यात्म यह अपना विशेष महत्व रखता है| वैसे तो प्रणाम के कई अर्थ और गुण बताये जाते हैं, जैसे "प्राण" अर्थात एक ऊर्जा एक तत्व , "म " अर्थात "मैं " सरल भाषा मे प्रणाम का अर्थ अपनी आन्तरिक ऊर्जा को एकत्रित करना या स्वंय को ऊर्जा मे समाहित करना है | वैदिक काल से ही प्रणाम की परम्परा चली आ रही है | अहंकार को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है | जिसकी अधिकता मनुष्य की विनम्रता का नाश कर उसे विवेकशून्य बना