तानाबाना 7 दिन हफ्तों में बदले , हफ्ते महीनों में और महीने सालों में । सर्दी जाती तो गर्मी आ जाती और गर्मी जाती तो सर्दी आ जाती । मौसम बदलते रहे । नहीं बदला तो मंगला का पछतावा और उसके कठोर नियम । उसका जमीन पर सोना । शाम को एक समय भोजन करना । चौबीस की चौबीस एकादशी का निर्जल ल्रत , हर एकादशी पर मुंडन सब जारी रहे । सारी जिंदगी उसने नया कपङा नहीं पहना । सारा जेवर पोटली बाँध धर दिया । हाथ नाक कान सब अंलकार विहीन । लोगों में पहले चर्चा