कर्म पथ पर - 53

  • 6.1k
  • 1.6k

कर्म पथ पर Chapter 53जय ने अपनी राह चुन ली थी। अपना निर्णय कर वह भुवनदा के पास पहुँचा। अपना निर्णय बताते हुए उसने कहा,"दादा... मैंने देश और समाज के लिए कुछ करने के इरादे से अपने पापा का घर छोड़ा था। पर अभी तक तय नहीं कर पाया था कि मुझे करना क्या है। पर अब मैंने अपना मन पक्का कर लिया है। मैंने तय कर लिया है कि मैं भी वृंदा की तरह समाज की