अखबार आते ही रोज़ की तरह दिन भर का भविष्य जानने के लिए,पेज पलटा।राशिफ़ल वाले कालम में अपनी राशि पर नज़र पड़ते ही आंखे फ़टी सी रह गई।कंही गलती से दूसरी राशि तो नही देख गए।यह भरम होते ही एक बार फिर से"मिथुन" राशि पर हमने नज़रे जमा दी ।हमारा भरम निर्मूल था।हमने अखबार में अपना राशिफ़ल ही देखा था।हमारे दिमाग मे बार बार हमारी राशि मेे लिखे शब्द ,सवारी से खतरा,घूम रहे थे।हम डयूटी पर रोज़ रिक्शे से जाते थे।बनिये की दुकान तो थी नही,जब मन मे आया खोली, मन मे नही आया तो छुट्टी कर दी।अपना राशिफ़ल देखते