दह--शत - 9

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दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड --- 9 समिधा हंस पड़ती है कि रोली में भी अक्ल आ गई है। कैसे पूछ रही है कि विकेश का बेटा इतना दुबला है. अक्षत बड़ों जैसा गंभीर चेहरा बनाकर कहता, “उसके पास उसकी मम्मी नहीं रहती न ! इसलिए उसे अकेलापन खा गया है ।” “ही....ही.....ही......।” रोली व वह उसकी इस टिप्पणी पर हँस देते । तब समिधा को भी नहीं पता था । ये बात हँसने जैसी नहीं थी । शिरीष अब दसवीं कक्षा में आ गया था । वैसा ही दुबला पतला था । प्रतिमा शान से बताती, “भाभी !