दिव्यांग सिंगल माँ

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दिव्यांग सिंगल माँ आज के युग में यह शब्द नया नहीं है। यह 30 साल पहले की बात है। जब महिला की समाज में कोई हैसियत नहीं थी। नारी की कोई आवाज नहीं थी और न ही समाज में कोई स्थान था। ऐसे समाज में एकल माँ का कर्तव्य निभाना और समाज में मानवीय होना और गर्व का स्थान प्राप्त करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं थी। गुजरात का प्रसिद्ध शहर सूरत जहां वस्त्रों का एक बड़ा बाजार है। सूरत अपने वस्त्र और हीरे के लिए पहले से ही जाना जाता है। लोग खाने-पीने और खुश रहने के भी शौकीन हैं।