एक बूँद इश्क - 10

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एक बूँद इश्क (10) "डिनर में क्या लोगे परेश? रीमा ने काफी पीते हुये पूछा।" "तोरई की दाल और रोटी विद स्वीट डिश काउंटर पर नोट करवा दिया था डार्लिग" कहते हुये परेश ने रीमा को एक बार फिर से अपनी गिरफ्त में कस लिया। अचानक इतना प्यार देख कर रीमा आश्चर्यचकित है- "क्या बात है परेश? आज सूरज पश्चिम से निकला है क्या? इतना प्रेम तो कभी न देखा? हनीमून पर भी नही?" जवाब में परेश मुस्कुरा दिया- "जिन्दगी में हर चीज पहली बार ही होती है। समय पर जाग जाना एक सफल इन्सान के लिये फायदेमंद होता है।"