जय श्रीकृष्ण बन्धुवर!भगवान श्रीकृष्ण के असीम अनुकम्पा से आज फिर मैं श्रीगीताजी के ११ वें अध्याय को लेकर उपस्थित हूँ। आप सभी बन्धुजन श्रीगीताजी के अमृतमय सब्दो को पढ़कर , सुनकर अपने जीवन को कृतार्थ करे। श्रीगीताजी और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा आप सभी श्रेष्ठ जनों पर बनी रहे।जय श्रीकृष्ण!~~~~~~~~~~~~~~ॐ~~~~~~~~~~~~ ?श्रीमद्भगवतगीता अध्याय-११?अर्जुन ने कहा -हे भगवन! मुझपर कृपा करके गुप्त अध्यात्म विषयक वचन जो आपने कहे उससे मेरा मोह दूर हो गया।हे कमलनेत्र! मैनें जीव की उत्पत्ति, नाश और आपका अक्षय महात्त्म्य आपके मुखारविंद से विस्तार पूर्वक सुना। हे पुरुषोत्तम! हे परमेश्वर! आपने जैसा वर्णन