वह उठा तैयार हुआ और रायपुर की ओर निकल पड़ा। वह 10:30 बजे ही उनके घर के आस-पास ही पहुँच गया था। परंतु एक घंटे तक वहीं घर के आस-पास घूमता रहा। उसकी जान अटकी हुई थी कि क्या होगा ? बार-बार घर की ओर जाने की हिम्मत करता फिर रूक जाता। जब 12 बजने में सिर्फ 10 मिनट रह गये थे तब उसको अनु का ख्याल आया कि वह कुछ गलत हरकत ना कर ले इसलिए फाईनली घर के बाहर पहुँच गया। उसकी मनःस्थिति चरम पर थी पर उसके हाथ में कुछ नहीं था। उसने घंटी बजाई अनु का