बस नमक ज़्यादा हो गया - 3

(12)
  • 6.7k
  • 1
  • 2.4k

बस नमक ज़्यादा हो गया - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 3 थाने की हर महिला एम्प्लॉई को वह अपनी रखैल समझता था। सबको उसने कोई ना कोई नाम दे रखा था। ऑरिषा को वह उसके गोरे रंग के कारण चुनौटी कहता था। हर समय लिमिट क्रॉस करने का प्रयास करता था। एक बार फिर से वह कॉलेज और प्रशिक्षण सेंटर की तरह यहां भी सभी लेडीज स्टॉफ की सिक्युरिटी सील्ड बन गई। इंस्पेक्टर उससे दोस्तों की तरह बात करता था। हंसी-मजाक के बहाने कभी-कभी बहुत ही आगे बढ़ने का प्रयास करता था। कहता, ‘तू मेरी चुनौटी, मैं तेरा सुर्ती, दोनों को