एक बूँद इश्क (9) परेश ने रिजार्ट के पार्किंग में गाड़ी लगा दी है। सफर लम्बा था और अकेले होने की बजह से ऊबाऊ भी। इतनी लम्बी ड्राइविंग के बाद वह बहुत खुद को थका हुआ महसूस कर रहा है। हलाकिं गलती उसकी ही है दिल्ली से कोसानी तक सिंगल हैंड गाड़ी चलाना कोई समझदारी की बात नही है। बड़ी बात तो यह है कि वह अपने विजनेस के बिजी शैडयूल को छोड़ कर यहाँ आया है। मगर यह फैसला भी उसी का है। व्यक्ति जो फैसले स्वयं लेता है उससे संतुष्ट भी रहता है और शिकायत भी नही करता।