औरतें रोती नहीं - 19

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औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 19 सुबह कल होगी चरण ने ठीक घर के सामने उतार दिया। मन्नू ने उससे फिर कुछ नहीं कहा, घर तक छोड़ने के लिए धन्यवाद भी नहीं। मन बेचैन था। हाथ कांप रहे थे, शरीर थरथरा रहा था। अब गुस्सा भी नहीं आ रहा था उसे। बस समझ नहीं आ रहा था कि इस चक्र से निकले कैसे? सुशील से नाता तोड़ दे या अपने आपको उन सबके रंग में रंग ले? घर के हर कोने में सुशील का अहसास अब भी मौजूद है। उनके आने से पहले मन्नू हर कमरे में चंदन की