पुरानी तोप चतुर्थ श्रेणी के रेलवे क्वार्टर नंबर छियालीस पर पहुँचते ही मैंने अपनी स्कूटी पर ब्रेक लगा ली। ‘निरंजन यहीं रहता है क्या?’ उसके सामने खड़े ठेले पर सब्जी खरीद रही स्त्री से मैंने अपना हेलमेट उतारकर पूछा। ‘हाँ। मैं निरंजन की माँ हूँ।’ हाथ का मटर सब्जी के ठेले ही में छोड़कर वह मेरी ओर मुड़ ली। ‘मैं निरंजन की एम. ए. टीचर हूँ और मुझे आप लोगों से कुछ काम है।’ मैं अपनी स्कूटी से उतर ली। ‘इस छोटी उम्र में इतनी बड़ी क्लास की टीचर?’ सब्जी वाले ने मुझे अपने साथ वार्तालाप में उलझाना चाहा। ‘मेरी