बेगम़ की कोठी...!! निरंजन की मोटरसाइकिल की आवाज़ सुनकर, सुमित्रा ने गेट खोला और गेट खोलते ही निरंजन से कहा।। लल्ला! कहाँ रह गए थे,कब से इंतजार कर रहे हैं हम तुम्हारा, कब से खाना बना के रखा हैं, अब तक तो ठंडा भी हो गया होगा,देखों तो शाम होनें को आई हैं, तुम इतने दिनों बाद गांव लौटे थे,तो हमने आज सब तुम्हारी ही पसंद का खाना बनाया था।। अम्मा!!अब का बताएं,देर हो गई और तुम चिंता ना करों, हमनें खाना खा लिया था,बहुत थक गए हैं, बस एक कप चाय पिला दो,निरंजन बोला।। हां...हां..काहें नहीं, अभी