भदूकड़ा - 48

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कुंती ने तो देखते ही हां कर दी। शास्त्री जी को कह दिया कि जल्दी ही ओली डालने आएंगीं। किशोर कुंती के फैसले से थोड़ा परेशान भी हुआ लेकिन उसकी कब चली है जो अब चलती? रास्ते में किशोर ने दबी जुबान से अपनी बात कहनी चाही तो कुंती ने घुड़क दिया। घर आ के कुंती ने बिना किसी ज़िक्र के ही रमा को टेर लगा लगा के ऊंची आवाज़ में लड़की की सुंदरता का बखान शुरू किया तो छोटू के कान खड़े हुए। उसकी समझ में आ गया कि हो न हो अम्मा उसी के लिए लड़की देख के