अनजान देवदूत

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रहस्मयी सेंटामैं मरना चाहती हूँ। कुछ भी तो नही बचा जीने के लिए।गरीबी में पैदा हुई। माँ बाप बेहद गरीब थे। मैं उनकी इकलौती सन्तान थी। घर की हालत बेहद खस्ता थी। कभी कभी तो ऐसा होता कि घर गर्म करने को लकड़ी तक ना होती। माँ मुझे लेकर सपने देखती थी। वो कहती कि मैं इतनी खूबसूरत हूँ कि मुझे मलिका होना चाहिए। वो यही सोचती की उनकी बेटी बड़े होकर मलिका बनेगी। ऐसे ही सपने देखते देखते एक दिन निमोनिया से उनकी मौत हो गयी। उसके बाद मेरे पिता ने मुझे सम्हाला। वो बेहद फटे-हाल रहते पर मेरे