विदा रात - 1

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सर्दियों के मौसम की एक बेहद ठंडी रात।रात केे बारह बज चुके थे। बरखा के सास श्वसुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में सो चुके थे।बरखा भी इस समय तक रोज़ सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नहीी थी। बरखा ने शेखर से सबंध विचछेद का निरणय कर लिया था।अपने निरणय की सूचना वह उसे देना चाहती थी।वह अभी घर नहीं लौौटा था।इसलिए वह जगकर उसका इन्तजार कर रही थी। बरखा की शादी शेेेखर से दो साल पहले हुई थी।शादी के बाद काफी दिनों तक बरखा का ध्यान पति की