आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 9. हृदय में भय और विवशता तथा चेहरे पर कृत्रिम मुस्कान लेकर आज साँवली का झुग्गी के उस प्रतिबंधित भाग में प्रवेश हुआ था, जिसमें झाँकना भी आज से कुछ दिन पहले तक उसके लिए वर्जित था। इधर साँवली को लेकर रानी का मन:मस्तिष्क भिन्न-भिन्न प्रकार की होनी-अनहोनी आशंकाओं से भर रहा था । रात गहराने लगी थी, किन्तु रानी की आँखों में दूर-दूर तक नींद नहीं थी। रानी की आँखों से नींद खली उड़ते देखकर माई ने उसको अपने पास झुग्गी के बाहरी खुले भाग में बुला लिया था, जहाँ बैठकर माई सिगरेट