जननम - 3

  • 9.9k
  • 1
  • 5.9k

जननम अध्याय 3 उन लोगों के अंदर घुसते ही उसने दरवाजे को बंद कर दिया। दीवार को देखते हुए वह लड़की लेटी हुई थी। "लावण्या !" धीरे से बोला आनंद। वह तुरंत पलटी। धर्मराजन और निर्मला आश्चर्य से उसे देखने लगे। "मैंने रखा है यह नाम" कहकर आनंद धीरे से हंसा। "लावण्या... यह हैं इस्पेक्टर धर्मराजन। आपसे कुछ प्रश्न पूछने आए हैं।" फिर से उसकी आंखें भर आई थोड़े डर और असमंजस में भी दिखी। "मैं क्या बोल सकती हूं ?" "कोशिश करिए।" धर्मराजन धीमी आवाज में बोले; "आप अच्छी तरह सोच कर जो याद आए वह बताइए। किसजगह से