सत्यजीत सेन (एक सत्यान्वेषक) - 2

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उसने अंदर प्रवेश किया अंदर हालदार बाबू और वह गली वाले महाशय बैठे थे। उन महाशय ने अरूप को आश्चर्य से देखा तभी हालदार बाबू बोले आओ अरुप आओ बैठो जी । इनसे मिलो यह है सत्यजीत सेन बाबूहालदार बाबू ने उन श्रीमान का परिचय देते हुए कहांसत्यजीत बाबू ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया अरुप ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन स्वीकार किया हालदार बाबू ने सत्यजीत बाबू को अरुप का परिचय देते हुए बोले यह है अरूप घोष हमारे नीचे वाले मकान में रहते हैं हमारे परिवार के सदस्य जैसे हैंअरुप यह सत्यजीत बाबू तुम्हारे कमरे के बगल वाले कमरे में रहने