दह--शत - 3

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दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड --3 अभय के समझ में नहीं आया कि समिधा कविता पर क्यों गुस्सा हो रही है ? उसने कमीज़ के बटन खोलते हुये पूछा "क्यों क्या हुआ ?" "अपने ड्राइंग रूम में मेरे घर की की नक़ल कर वैसी ही चीज़ें लगाकर बैठ गईं।" अभय ने हेंगर पर अपनी कमीज लगाते हुये कहा, "तुम्हें तो खुश होना चाहिये, तुम्हें अपनी च्वॉइस पर नाज़ है। वह तुम्हारी नक़ल कर रही है। " "लेडीज़ ऐसी चीज़ों से घर सजातीं हैं जो किसी के पास नहीं हों और ये कुशन्स पर लेस तक मेरे घर जैसी लगाकर