1.Kheriyat maat pucho hamari,Hum to sirf unhi ke khwaab mein rehte hai!Unse dur chahe kitne bhi ho fasle,Par hum to sirf unhi ke dil mein dhadak te hai! 2.थे हमारे रास्ते जुदा, पर हरदम मैंने उन्ही का साथ पाया| उनके ख्वाब में कुछ ऐसा रंगी, कि मंजूर है अब तो सिर्फ उन्हीं का साया| 3.आसमान से आगे जहाँ और भी है, डर के सामने हिम्मत और भी है|हर दफा जिंदगी चाहे अलग मोड़ क्यों ना ले, लेकिन राहो से आगे मंजिल और भी है| 4.दोस्त!वो पल ही क्या जो तेरे साथ ना गुजारा हो, वो शरारतें ही क्या जो तेरे