प्रेम - दर्द की खाई (भाग -1)

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, बचपन के आँसूमैं आठ वर्ष की थी जब मेरे बाबा बीमार पड़ गए वे काम नहीं काम कर पाते थे ।क्योंकि वह चल नही पाते थे। और में भी काम नहीं कर पाती थी क्योंकि मैं तो बहुत छोटी थी। सिर्फ आठ वर्ष की ।। मैं हूँ ‘’ वंदना ”हूँ। मेरे बाबा कहते है जब मैं पैदा भी नहीं हुई थी ।उससे पहले से ही मेरी माँ ने मेरा नाम सोच कर रखा हुआ था। मेरी माँ तो मुझसे मेरे जन्म से ही दूर हो गई। इस बात की मैं जिम्मेदार ऐसा लोग कहते है। में बहुत बड़ी कलमुंही हूँ।