जो घर फूंके अपना - 41 - सिक्के की खनक और कमरदर्द की खुन्नस

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जो घर फूंके अपना 41 सिक्के की खनक और कमरदर्द की खुन्नस गौतम ने उस घटना का बयान जारी रखा जिसने लज्जा की लज्जा को खनखनाती हँसी में बदल दिया था- “तो मैं बता रहा था कि हम दोनों ऊपर नीचे की बर्थ पर अलग अलग लेटे तो चंद मिनटों में ही थकावट के मारे सो गए. दो तीन घंटे के बाद नींद खुली. बाहर झांका तो देखा गाडी किसी छोटे स्टेशन पर रुकी हुई थी. मुझे जोर से चयास लगी, सोचा उतर कर देखूं कोइ टी स्टाल है क्या. टी स्टाल दिखा पर प्लेटफोर्म पर बहुत दूर था. तभी