रिया की शादी बड़े ही अच्छे और रईस खानदान में हुई थी। इन सबसे अच्छी बात यह थी कि उसे एक बहुत ही प्यारा परिवार मिला था।सारा परिवार प्यार के बंधन में बँधा था। सास - ससूर बेटी मानते थे तो देवर ( पवन ) बहन मानता था। पति (अमन ) तो हर तरह से अच्छे थे। इसी तर हँसी - खुशी छः महीने गुज़र गए। रिया राखी पर मायके से भी हो आई। यहाँ देवर ने प्यार भरी नाराज़गी जताई .... उसकी कोई बहन नहीं , सोचा था इस बार भाभी वो शौक भी पूरा कर देगी पर भाभी