कर्म पथ पर Chapter 46भुवनदा की प्रेस मोहनलाल गंज के सिसेंदी गांव में थी। उनको यहाँ लोग वसुदेव गुप्ता के नाम से जानते थे। वैसे उनके लहजे में एक बंगालीपन था। इसके लिए भुवनदा ने कह रखा था कि बचपन में उनके पिता उन्हें बंगाल ले गए थे। वो सिलीगुड़ी में एक चाय बागान के मैनेजर थे। वहीं उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। इसलिए बंगाली बोलने की आदत रही थी। पर पिछले कुछ सालों से वह अपने मूल निवास स्थान