लौट आना तुम

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लौट आना तुम ..............,,,, हर बार लौटने के अपने सुख होते हैं और अपने दुख भी , उसने लौटते हुये पीछे छूटे अपने घर को देखा और देर तक अपलक देखती रही , मानो वो कह रहा हो लौट आना तुम । हर बार जब भी माँ के घर से वापस ससुराल जाने की घड़ी नज़दीक आती तो उसकी आंखे जाने क्यों उदास हो जाती , जाना तय था दूसरा कोई रास्ता भी नहीं , फिर भी उसे लगता कि काश ! काश ये घडी कुछ देर थम जाये, रूक जाये समय का चक्का और दुनिया अपनी धुरी पर स्थिर