बिटिया के नाम पाती... - 3

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प्रिय पापा,स्नेह वंदनकहते हैं कि एक लड़की को खुद माँ बनने के बाद ही माँ की भावनाएं समझ में आती हैं और एक लड़का पिता बनने के बाद ही अपने पिता की चाहत और मजबूरी को समझ पाता है। गलत नहीं कहते हैं, किन्तु क्या एक लड़की अपने पिता को और एक लड़का अपनी माँ को इन बिंदुओं पर कभी परख पाता है..? कभी हाँ और कभी ना....! आज पितृ दिवस है और मैं मेरे बच्चों का पिता के प्रति प्यार और उसको अभिव्यक्त करने के तरीके में डूबकर यह सोच रही हूँ कि हमने इस तरह से कभी प्यार