एक बूँद इश्क - 6

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एक बूँद इश्क (6) उस मसाले वाली चाय को पीकर उसे बहुत अच्छा फील हो रहा है ठंड भी कुछ कम लग रही है, दूसरे काबेरी ने आते ही कमरें में अँगीठी दहका दी थी, जिसमें लाल-लाल अंगारे अभी भी सुलग रहे हैं। उसकी ताप में अलग ही गरमाहट है जो उसने कभी अपने एयर कंडीशनर में भी महसूस नही की। खाने में काबेरी ने मंडवा की रोटी और फाणु ये एक प्रकार की पहाड़ी दाल है जो यहाँ का प्रिय भोजन है, पकाया है। पहाड़ों के दाल, मसाले जो बिल्कुल अलग होते हैं आम-तौर पर इनका दिल्ली में मिलना