सुहानी आज सुबह जल्दी उठ गयी थी । दरअसल पेपर की चिंता में उसे रात भर नींद ही कहाँ आयी थी । जल्दी से तैयार होकर उसने घर के मंदिर में जाकर पूजा की । वो आज इतनी मगन थी जैसे चाहती हो की भगवान जी को अपने साथ ही ले जाएगी पेपर देने ।पूजा कर के जल्दी से उसने अपना बैग उठाया, माँ के हाथ से दही शक्कर खाया और एग्ज़ाम देने के लिए निकल गयी । माँ, माँ, कहाँ हो ? एग्जाम देकर आयी सुहानी माँ को देखते ही उनसे लिपट गयी थी, खुशी से चहकते हुए बोली, मिठाई