जो घर फूंके अपना 40 लज्जा की लज्जा मेरे मन में तस्वीर बन रही थी एक बहुत चुपचाप, हर बात पति और ससुराल वालों की इच्छा से करने वाली एक मध्यकालीन बहू की. ज़रूर वह गौतम को पतिपरमेश्वर के समकक्ष मानती होगी. शाली, नहीं- नहीं, अतिशालीन किस्म की होगी. आजकल की लड़कियों से बिलकुल फरक ! पर शाम को गौतम के घर पर जिस उन्मुक्त मुस्कान के साथ उसकी नयी नवेली पत्नी ने मेरा स्वागत किया उसके लिए मैं तैयार नहीं था. उसके स्वागत से स्पष्ट था कि गौतम ने मेरे पहुँचने के पहले ही विस्तार से मेरा परिचय दे