एक बूँद इश्क - 5

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एक बूँद इश्क (5) शंकर ने जल्दी से रीमा को खाट पर लिटाया और पानी का लोटा लेकर गणेश की तरफ दौड़ पड़ा। जाते-जाते काबेरी को बता गया- "इनका ख्याल रखना हम आते हैं अभी।" "काबेरी शंकर की दूसरी पत्नी है। पहली पत्नी तो दुधमुँहे बच्चे को छोड़ कर चल बसी थी। तब से लेकर काबेरी ने ही उसको और अपने तीन बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया था। चारों बच्चों में कभी कोई भेदभाव नही बरता गया। बल्कि बिन माँ का संतोष पिछले पाँच बरसों से शहर में पढ़ाई कर रहा है। कहने का तात्पर्य काबेरी बड़े दिल