"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में बैठा वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्जो के मोल यू ही चुकाता रहता है,बिन मौसम बारिश से आंसू बहाता रहता है।वक्त और कायनात सबको साथ नहीं देती,दर्द में खुद को हरघड़ी वो जलाता रहता है।।??? ?? ??? ?? ???मुक्कमल ख्वाब के पीछे यूं तो भागा नहीं करते।मंजिले मिलती रहेगी, नशा ज्यादा तो नहीं करते।।??? ?? ??? ?? ???अनगिनत गलतियां और हजारों जख्म है उधार