लव योर सेल्फ मम्मा ...किचन में मीनू के लिए मठरियाँ तलती अनुभा की आँखें बार-बार भर आ रही थीं. मन जाने कैसा तो हो रहा था। इसीलिए अपने मनोभावों को छुपाने के लिए वह सुबह से ही एक के बाद एक काम में खुद को व्यस्त रख रही थी। पहले नाश्ता, फिर शैलेन्द्र के लिए लंच, फिर उनके ऑफिस के लिए निकलते ही बचे हुए काम समेट कर अब मठरियों का आटा गूँथकर ये काम लेकर बैठ गई। पर शरीर को कितना ही काम में व्यस्त कर ले मन तो बार-बार भावुक होकर आँखों में आँसू बनकर बहने को आतुर