ढिंकचिका - ढिंकचिका वर्ली की आलीशान इमारत दरवाजे पर कॉल बैल बजा कर अनिमेष थोड़ी देर हतप्रभ से खड़़े रहे. उन्हें अंदाजा था कि दरवाजा या तो उनका नौकर खोलेगा या उनकी पत्नी मनीषा. लोकल से दादर स्टेशन पर उतर कर आधा घंटा भटकने के बाद उन्हें यह इमारत मिली थी. इमारत क्या थी किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी. गेट पर किसी युद्ध के मोर्चे की तरह तैनात सिक्यूरिटी गार्ड की फौज थी. एक ने आगे बढ़कर उनसे पूछा कि कहां जाना है तो उन्होंने बताया कि फलैट न 1802 में रहनेवाले आशीष यादव से मिलने