21 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे वापसी अगले दिन बहुत सुबह विभीषण राम के सामने हाजिर थे। वे चाह रहे थे कि राम कुछ दिन लंका में चल कर मेहमान की तरह रहें, लेकिन राम नही माने।वे कह रहे थे कि उन्हे अयोध्या से चौदह बरस का वनवास मिला था, जो पूरे हो चुके है, अब वहां उनके छोटे भाई