कारन्टान

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इससे पहले की आप कहें मैंने अशुद्ध लिखा है, चलिए पढ़ते हैं ये कहानी"हैल्लो..हैल्लो...कैन यु हेअर मी...आवाज़ आ रही है ना मेरी?"" नहीं सर थोड़ा ज़ोर से बोलिए..कुुुछ समझ नहीं आ रहा है ,आपकी आवाज़ कट रही है लगता है कुछ नेटवर्क इशू है मैं बादमे फ़ोन करता हूँ।""अरे नहीं ना, तुम रुको मैं बाहर जाकर कॉल करता हूँ, बेवज़ह लाखों का नुकसान करवा रहा है ये कोरोना, लेना देना कुछ नहीं, सब बक़वास है " कोरोना को कोसते हुए मुरारीलाल जी चढ़ गए छत पर, वो राहुल से क्या जरूरी बात करने वाले थे ये भूल भाल कर कोरोना