जो घर फूंके अपना - 38 - अर्दली गाथा चालू आहे !

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जो घर फूंके अपना 38 अर्दली गाथा चालू आहे ! स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से भारत में सैन्य सेवाओं के अधिकारियों की वर्दी की शान में सरकारी प्रोटोकोल में लगातार गिरती हुई उनकी साख के साथ खूब बट्टा लगा है. सिविल सेवाओंवाले बाबुओं के मुकाबिले में उनकी प्रतिष्ठा ऐसे ही लगातार घटाई जाती रही तो जल्दी ही वे पूरे के पूरे दिगंबर दिखाई देने लगेंगे. खैरियत है कि यह उपक्रम अभी पूरा रंग नहीं लाया है वर्ना सेना की मर्यादा बचाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे देने वाले उप थलसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जेनरल एस के सिन्हा कौपीन धारण किये