सालो बीत गए थे उन्हें प्यार करते हुए लेकिन आज उन्हें ये लग रहा था ये बात उन्होंने पहले क्यों नहीं सोची उसे क्यों समझ नहीं आया कि वो इक दूसरे के नहीं हो सकते नीरू मेरी जान तुम अभी चलो हम दोनो कहीं बाहर चले जाएंगे इस दुनिया से दूर कहीं दूसरी दुनिया बसाएंगे नीरू उसके गले लग गई कहने लगी निर्मल मुझे माफ़ कर दो मै तेरी ये बात नहीं कैसे करू मैं नहीं चल सकती मजबूर हूं मै , निर्मल गुस्सा होकर चला जाता है दिनों के दिन रात रो रो कट रहे थे । नीरू का